केजरीवाल ने विपक्षी दलों को 'डरा' दिया; लेटर लिखकर की ऐसी डिमांड, आप भी पढ़िए
Kejriwal Letter to Opposition Parties on Center Ordinance
Kejriwal Letter on Center Ordinance: दिल्ली में अधिकारों को लेकर केंद्र सरकार और केजरीवाल सरकार में तनातनी हो गई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने मोर्चा खोल दिया है। वह राज्य-राज्य जाकर विपक्षी नेताओं से अध्यादेश के खिलाफ समर्थन की मांग कर रहे हैं। वहीं सीएम केजरीवाल ने अब सभी विपक्षी दलों को एक लेटर भी लिखा है और उन्हें 'डराकर' उनके सामने एक डिमांड रख दी है।
दरअसल, 23 जून को पटना में बीजेपी के खिलाफ विपक्षी एकजुटता की मीटिंग होनी है। मीटिंग में 2024 लोकसभा चुनाव के लिए रणनीति भी बनेगी। लेकिन आम आदमी पार्टी (आप) सुप्रीमो और दिल्ली के सीएम केजरीवाल का कहना है कि, मीटिंग में सबसे पहले केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ चर्चा हो। जिसके खिलाफ वह लड़ाई लड़ रहे हैं। केजरीवाल ने विपक्षी दलों से कहा कि, Delhi का अध्यादेश एक प्रयोग है। अगर यह सफल हुआ तो केंद्र सरकार Non-BJP राज्यों के लिए ऐसे ही अध्यादेश लाकर राज्य सरकार का अधिकार छीन लेगी और वह दिन दूर नहीं जब PM 33 राज्यपालों और LG के माध्यम से सभी राज्य सरकारें चलाएंगे।
केजरीवाल लेटर में लिखते हैं- ''मैंने इस विषय की तह तक जाकर अध्ययन किया है ये समझना गलत होगा कि ऐसा अध्यादेश केवल दिल्ली के संदर्भ में ही लाया जा सकता है क्योंकि दिल्ली आधा राज्य है। Concurrent list में दिए गए किसी भी विषय के सारे अधिकार ऐसा ही अध्यादेश लाकर केन्द्र सरकार किसी भी पूर्ण राज्य से भी छीन सकती है। जैसे केन्द्र सरकार ऐसा ही अध्यादेश लाकर किसी भी पूर्ण राज्य के बिजली, शिक्षा, व्यापार आदि विषयों पर से पूर्ण रूप से अधिकारी छीन सकती है। केन्द्र सरकार ने दिल्ली के संदर्भ में ऐसा अध्यादेश लाकर एक प्रयोग किया है। यदि केन्द्र सरकार इस प्रयोग सफल हो जाती है तो फिर वो एक एक करके सभी गैर बीजेपी राज्यों के लिए भी ऐसे ही अध्यादेश जारी करके Concurrent list में दिए गए सभी विषयों से राज्यों के अधिकारी छीन लेगी। इसी लिए ये बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है कि सभी पार्टियों और सभी लोग मिलकर इसे किसी हालत में संसद में पास न होने दें।''
केजरीवाल ने आगे लिखा कि, ''यदि दिल्ली में ये अध्यादेश लागू हो जाता है तो दिल्ली में जनतंत्र खत्म हो जाएगा। फिर दिल्ली वाले जो मर्जी सरकार चुनें, उसकी कोई पॉवर नहीं होगी। फिर LG के जरिये केन्द्र सरकार सीधे दिल्ली सरकार चलाएगी, चाहे लोग किसी भी पार्टी की सरकार चुनें और दिल्ली के बाद एक एक करके सभी राज्यों में जनतंत्र खत्म कर दिया जाएगा। वो दिन दूर नहीं जब प्रधानमन्त्री 33 राज्पालों / LG के माध्यम से सभी राज्य सरकारें चलायेंगे। इसलिए 23 जून को पटना में सभी पार्टियों की मीटिंग है मेरा आपसे आग्रह है कि इस मीटिंग में इस अध्यादेश पर सभी पार्टियों का स्टैंड और इसे संसद में हराने की रणनीति पर सबसे पहले चर्चा हो।''